Title: झूठन
Author: ओमप्रकाश वाल्मीकि (Omprakash Valmiki)
Language: हिंदी (Hindi)
Genre: आत्मकथा (Autobiography), दलित साहित्य (Dalit Literature)
Publisher: राधाकृष्ण प्रकाशन (Radhakrishna Prakashan)
Publication Year: 1997
ISBN: 978-81-7119-845-5 (Specific ISBNs may vary based on editions and publishers)
Format: उपलब्ध प्रारूप – पेपरबैक, हार्डकवर, ई-बुक (Available Formats – Paperback, Hardcover, E-book)
Pages: लगभग 176 (May vary by edition)
Dimensions: 8.5 x 5.5 inches (approximately, may vary by edition)
Weight: 200-250 grams (approximately, may vary by edition)
Cover Design: साधारण, प्रभावशाली कवर (Simple, impactful cover design)
Price: विभिन्न संस्करणों के आधार पर अलग-अलग (Varies by edition and seller)
Subject Matter:
– जातिगत भेदभाव (Caste Discrimination)
– दलित जीवन का यथार्थ (Realities of Dalit Life)
– सामाजिक संघर्ष (Social Struggles)
– शिक्षा और असमानता (Education and Inequality)
– आत्म-सम्मान और मानवीय गरिमा (Self-respect and Human Dignity)
Summary
“झूठन” एक आत्मकथात्मक पुस्तक है जिसमें लेखक ओमप्रकाश वाल्मीकि ने अपने जीवन के अनुभवों और समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव का वर्णन किया है। यह पुस्तक दलित जीवन के संघर्षों, सामाजिक अन्याय, और शिक्षा के क्षेत्र में आने वाली कठिनाइयों को उजागर करती है। वाल्मीकि का जीवन संघर्ष और सफलता की कहानी है, जो सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
Importance
“झूठन” दलित साहित्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह सामाजिक जागरूकता, न्याय, और समानता के लिए प्रेरणा प्रदान करता है। यह पुस्तक भारतीय समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव की कठोर सच्चाइयों को उजागर करती है और समाज सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान है।
कहा से ख़रीदे –
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