Wing Commander Vyomika Singh: A Trailblazer in the Skies and Beyond

Wing Commander Vyomika Singh: A Trailblazer in the Skies and Beyond

Wing Commander Vyomika Singh: A Trailblazer in the Skies and Beyond

भारत के सैन्य इतिहास में कुछ नाम ऐसे हैं जो अपनी वीरता, समर्पण और प्रेरणा से चमकते हैं। इनमें से एक नाम है Wing Commander Vyomika Singh, भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की एक उत्कृष्ट हेलीकॉप्टर पायलट, जिनकी यात्रा बचपन के सपनों से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा की रीढ़ बनने तक असाधारण है। 7 मई, 2025 को, उन्होंने operation sindoor  के मीडिया ब्रीफिंग में सह-नेतृत्व करके देश का ध्यान आकर्षित किया। यह ऑपरेशन, 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में था, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों पर सटीक सैन्य हमला करने वाला यह ऑपरेशन भारत की सैन्य ताकत और सशस्त्र बलों में महिलाओं की बढ़ती नेतृत्व भूमिका का प्रतीक था। कर्नल सोफिया कुरैशी और विदेश सचिव विक्रम मिश्री के साथ  Vyomika Singh की ब्रीफिंग में आत्मविश्वास और प्रोफेशनलिज्म ने उन्हें साहस और नेतृत्व का प्रतीक बना दिया।

आकाश में लिखी गई नियति

‘व्योमिका’ नाम का अर्थ है ‘आकाश की बेटी’ या ‘आकाश में निवास करने वाली’। यह नाम उनकी असाधारण यात्रा का प्रतीक बन गया। बचपन से ही उड्डयन के प्रति जुनून रखने वाली व्योमिका की कहानी 1990 के दशक में तब शुरू हुई, जब स्कूल में एक सहपाठी ने उनके नाम का अर्थ बताया। “तुम व्योमिका हो, जिसका मतलब है कि तुम आकाश की मालिक हो,” सहपाठी के इस कथन ने उनके मन में पायलट बनने का सपना जगा दिया, जिसे उन्होंने अटूट दृढ़ता के साथ पूरा किया।

उनका प्रारंभिक अनुशासन और सेवा का परिचय राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के माध्यम से हुआ, जिसमें उन्होंने स्कूल के दिनों में हिस्सा लिया। एनसीसी ने उनमें टीमवर्क, नेतृत्व और देशभक्ति के मूल्यों को स्थापित किया, जिसने उनकी महत्वाकांक्षा को और बल दिया। हालांकि, शुरूआत में उन्हें यह जानकर निराशा हुई कि आईएएफ केवल पुरुष पायलटों की भर्ती कर रही थी। इस चुनौती का सामना करते हुए, व्योमिका ने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की, जिसने उन्हें तकनीकी कौशल से लैस किया। उनकी दृढ़ता तब रंग लाई जब उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा के माध्यम से सर्विसेज सिलेक्शन बोर्ड (एसएसबी) को पास किया और अपने परिवार में पहली बार सशस्त्र बलों में शामिल हुईं।

भारतीय वायु सेना में शानदार करियर

18 दिसंबर, 2004 को हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में आईएएफ में कमीशन प्राप्त करने वाली Wing Commander Vyomika Singh ने जल्द ही अपनी असाधारण क्षमता और समर्पण से अपनी पहचान बनाई। अपने दो दशक के करियर में, उन्होंने चीता, एमआई-17 और एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) ध्रुव जैसे हेलीकॉप्टरों को उड़ाया, और सियाचिन ग्लेशियर से लेकर राजस्थान के रेगिस्तान तक के सबसे चुनौतीपूर्ण इलाकों में मिशन को अंजाम दिया। उच्च ऊंचाई वाले मिशनों और आपदा राहत कार्यों में उनकी विशेषज्ञता ने अनगिनत जिंदगियां बचाईं, जिसके लिए उन्हें सम्मान और सहकर्मियों का आदर प्राप्त हुआ।

व्योमिका का योगदान केवल कॉकपिट तक सीमित नहीं रहा। एक योग्य फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर के रूप में, उन्होंने अगली पीढ़ी के आईएएफ पायलटों को प्रशिक्षित किया, न केवल तकनीकी कौशल बल्कि अनुशासन और साहस के मूल्यों को भी सिखाया। operation sindoor में उनकी नेतृत्व भूमिका—जो आतंकी ढांचे को नष्ट करने वाला एक सावधानीपूर्वक नियोजित हमला था—ने उनकी रणनीतिक समझ और दबाव में प्रदर्शन करने की क्षमता को प्रदर्शित किया। इस ऑपरेशन में उनकी भूमिका में हवाई समर्थन का समन्वय और जमीनी बलों की सुरक्षा सुनिश्चित करना शामिल था, जिसे उन्होंने बेजोड़ सटीकता के साथ निभाया।

Wing Commander Vyomika Singh: A Trailblazer in the Skies and Beyond

सशस्त्र बलों में महिलाओं के लिए नए रास्ते

Wing Commander Vyomika Singh का उन्नति भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं की यात्रा में एक मील का पत्थर है। जब वे आईएएफ में शामिल हुईं, तब महिलाएं युद्ध और नेतृत्व की भूमिकाओं में अपनी जगह बना रही थीं। उनकी सफलता ने रूढ़ियों को तोड़ा और साबित किया कि सैन्य में उत्कृष्टता के लिए लिंग कोई बाधा नहीं है। आज, वे उन अनगिनत युवा महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं जो देश की सेवा करने का सपना देखती हैं, यह दिखाते हुए कि दृढ़ता और कौशल किसी भी बाधा को पार कर सकते हैं।

operation sindoor ब्रीफिंग में कर्नल सोफिया कुरैशी के साथ उनकी उपस्थिति महिलाओं के नेतृत्व का एक शक्तिशाली चित्र थी। यह एक स्पष्ट संदेश था: भारतीय सशस्त्र बल केवल पुरुषों का क्षेत्र नहीं है, बल्कि एक ऐसी जगह है जहां प्रतिभा और समर्पण सफलता को परिभाषित करते हैं। व्योमिका ने सैन्य में महिलाओं के लिए मेंटरशिप और प्रशिक्षण के महत्व पर जोर दिया है, समान अवसरों और मजबूत समर्थन प्रणालियों की वकालत की है ताकि उनकी सफलता सुनिश्चित हो सके।

वर्दी से परे एक रोल मॉडल

अपने सैन्य उपलब्धियों के अलावा, Vyomika Singh एक ऐसी शख्सियत हैं जो विनम्रता और दृढ़ता का प्रतीक हैं। अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद, वे स्कूलों और कॉलेजों में युवाओं को प्रेरित करने के लिए समय निकालती हैं, खासकर लड़कियों को, कि वे अपने सपनों को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करें। उनकी कहानी केवल एक सैन्य अधिकारी की नहीं है, बल्कि एक ऐसी महिला की है जिसने सामाजिक अपेक्षाओं को चुनौती दी और अपने लिए एक मार्ग बनाया।

वे सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय हैं, विशेष रूप से सैनिकों के परिवारों और आपदा प्रभावित समुदायों के कल्याण के लिए। उनकी मानवतावादी भावना और नेतृत्व ने उन्हें न केवल सैन्य बल्कि नागरिक समाज में भी सम्मान दिलाया है।

Wing Commander Vyomika Singh: A Trailblazer in the Skies and Beyond

भविष्य की ओर

Wing Commander Vyomika Singh की कहानी अभी खत्म नहीं हुई है। जैसे-जैसे भारतीय सशस्त्र बल आधुनिकीकरण और समावेशिता की ओर बढ़ रहे हैं, वे एक ऐसी नेता के रूप में उभर रही हैं जो भविष्य को आकार दे रही हैं। उनकी उपलब्धियां—चाहे वह सियाचिन में मिशन हों, आपदा राहत कार्य हों, या operation sindoor जैसे रणनीतिक अभियान—भारत की रक्षा क्षमताओं में उनके योगदान को रेखांकित करती हैं।

उनका जीवन एक प्रेरणा है, जो हमें याद दिलाता है कि सपने, चाहे कितने भी बड़े हों, कड़ी मेहनत, साहस और समर्पण से हासिल किए जा सकते हैं। Wing Commander Vyomika Singh न केवल आकाश की बेटी हैं, बल्कि भारत की शान हैं, जो देश की भावी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी।

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