Pahalgama Attack News: 22 अप्रैल 2025 को जम्मू कश्मीर के बैसरन (पहलगाम) में आतंकी हमला
22 अप्रैल 2025 को जम्मू कश्मीर के पहलगमा स्थित बैसरन घाटी में हुए आतंकवादी हमले में 26 हिन्दुओ की मौत हो गई और 20 से अधिक लोग घायल हो गए। यह हमला कश्मीर घाटी में पर्यटकों को निशाना बना कर किया गया था। अब तक का यह सबसे दर्दनाक हमला था।
हमले का विवरण
- स्थान: बैसरन घाटी, पहलगाम, अनंतनाग जिला, जम्मू कश्मीर।
- तारीख: 22 अप्रैल 2025
- लक्ष्य: हिन्दू पर्यटक
- प्रकार: mass shooting और आतंकवादी हमला
- हथियार: AK-47, M4 कार्बाइन
- मरने वालो की कुल संख्या: 26 (25 हिन्दू, 1 नेपाली)
- घायलों की संख्या: 20+
आत्नकी समूह का उद्देश्य:
हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी स्थित आतंकी संगठन लश्कर- ए- तैयबा के मोर्चे “द रेजिस्टेंस फ्रंट” (TRF) ने ली। TRF ने आरोप लगाया की कश्मीर घाटी में गैर- स्थानीय लोगो के बसने से जनसांख्यकीय परिवर्तन हो रहा है, जिससे वह नाराज थे। हमले में शामिल आतंकवादी में से दो विदेशी नागरिक थे, जिनकी पहचान आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा के रूप में की गई। इनमे से आसिफ फौजी को लश्कर-ए-तैयबा का शीर्ष कमांडर मन जाता है।
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव:
इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। भारत ने इस हमले में शामिल होने का आरोप लगाया है, जबकि पाकिस्तान ने इन आरोपों को नाकारा है। भारत ने पाकिस्तान के साथ प्रमुख जल समझौता, सिंधु जल समझौता, को निलंबित कार दिया है और मुख्या सीमा पार को बंद क्र दिया है। पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद क्र दिया है और सभी द्विपक्षीय समझोतो की निलंबित कर दिया है।
अंतरराष्ट्रीय प्रक्रिया:
इस हमले की अंतरराष्ट्रीय स्तर कड़ी निंदा की गई है। संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ, अमेरिका,ब्रिटेन, चीन, ईरान, इजराइल, इटली, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका और नेपाल सहित कई देशो ने इस हमले की निंदा की है और पीड़ितों के प्रति सवेदनाये व्यक्त की है।
आइये अब इस हमले से जुडी कुछ और गहरी बाटे देखते है जो बहुत कम लोग जानते है
- हमला एक ” सोची समझी रणनीति” का हिस्सा था
- इस हमले को टूरिज्म सीजन की शुरुआत में अंजाम दिया गया, ताकि कश्मीर में टूरिज्म सेक्टर को झटका लगे और घाटी की आर्थिक स्थिति ख़राब हो।
- सुरक्षा एजेंसियों का मानना है की आतंकियों ने हमले के लिए घाटी में पहले से छिपे लोकल सिलीपर सेल्स की मदद ली।
2. हमलावरों की पहचान और योजना
- शुरुआती जाँच में सामने आया की हमलावर 4 से 6 की संख्या में थे, जो घाटी में पहले कुछ हफ्तों से मौजूद थे।
- उन्होंने स्थानीय लोगो का वेश धारण किया था, और बैसरन ट्रेक रूट को अपनाया जो आमतौर पर पर्यटकों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है।
सरकार और सेना की जवाब देह करवाई
- NIA (नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी) ने जाँच की शुरुआत कर दी है और कई संदिघ्दोको हिरासत में लिया गया है।
- घाटी में 1000 + अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किये गए है।
- सेना ने दक्षिण कश्मीर में कई सर्च ऑपरेशन शुरू किये है और कुछ जगहों पर इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गयी है।
स्थानीय लोगो की प्रतिक्रिया
- बहुत से स्थानीय मुसलमानो ने इस हमले की खुल कर निंदा की, और कई ने शहीद हुए घोडा चालक आदिल शाह के लिए कैंडल मार्च निकला।
- स्थानीय दुकानदारों और होटल मालिकों ने कहा, ” हम ऐसे लोगो को कश्मीरी नहीं मानते।”
मिडिया और सोशल मिडिया की भूमिका
- कुछ फैक न्यूज़ और घृणात्मक वीडियो हमले के बाद वायरल हुए, जिससे देश के अन्य हिस्सों में कश्मीर के लोगो के खिलाफ माहौल बिगड़ने लगा।
- सरकार ने कई एकाउंट्स को ब्लॉक किया और लोगो से सांप्रदायिक एकता बनाये रखने की अपील की।